Udaya Raj Sinha Ki Rachnayein Podcast

स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है।

आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘माटी में मेरा हीरा हेराय गयो रे!’ मौलश्री कुलकर्णी की आवाज़ में।

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What is Udaya Raj Sinha Ki Rachnayein Podcast?

स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। खड़ी बोली प्रसिद्ध गद्य लेखक राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह के पुत्र उदय राज सिंह ने अपने पिता की साहित्यिक धरोहर को आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने जीवनकाल में बहुत से उपन्यास, कहानियाँ, लघुकथाएँ, नाटक आदि लिखे। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। उदयराज जी के इस जन्मशती वर्ष में हम उनकी अमूल्य साहित्यिक धरोहर आप तक लेकर आ रहे हैं इस पॉडकास्ट के माध्यम से। सुनना ना भूलें नई धारा रेडियो पर।

Welcome to a new podcast series by Nayi Dhara Radio. This series is dedicated to the literary work by Nayi Dhara's founder Shri Uday Raj Singh. Son of a prominent hindi writer Raja Radhikaraman Prasad Singh, Uday Raj ji wrote a number of stories, novels and plays in his lifetime. In the year 1950, he founded Nayi Dhara magazine. After 70+years of its birth, Nayi Dhara is flourishing and providing it's readers the best in the field of Hindi Literature. This year marks the centenary year of Uday Raj Singh ji. On this occasion, we bring to you his most prominent works in the form if this podcast on Nayi Dhara Radio.