Pratidin Ek Kavita

ये चेतावनी है | विनोद कुमार शुक्ल

यह चेतावनी है
कि एक छोटा बच्चा है
यह चेतावनी है 
कि चार फूल खिले हैं
यह चेतावनी है 
कि खुशी है 
और घड़े में भरा हुआ पानी 
पीने के लायक है, 
हवा में साँस ली जा सकती है।
यह चेतावनी है कि दुनिया है
बची दुनिया में
मैं बचा हुआ
यह चेतावनी है
मैं बचा हुआ हूँ
किसी होने वाले युद्ध से 
जीवित बच निकलकर 
मैं अपनी 
अहमियत से मरना चाहता हूँ कि मरने के आखिरी क्षणों तक 
अनन्तकाल जीने की कामना करूँ 
कि चार फूल हैं 
और दुनिया है।

What is Pratidin Ek Kavita?

कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।