Pratidin Ek Kavita

ईश्वर तुम्हारी मदद चाहता है | विश्वनाथ प्रसाद तिवारी 

बदल सकता है धरती का रंग
बदल सकता है चट्टानों का रूप
बदल सकती है नदियों की दिशा
बदल सकती है मौसम की गति
ईश्वर तुम्हारी मदद चाहता है।
अकेले नहीं उठा सकता वह
इतना सारा बोझ।

What is Pratidin Ek Kavita?

कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।

ईश्वर तुम्हारी मदद चाहता है | विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

बदल सकता है धरती का रंग
बदल सकता है चट्टानों का रूप
बदल सकती है नदियों की दिशा
बदल सकती है मौसम की गति
ईश्वर तुम्हारी मदद चाहता है।
अकेले नहीं उठा सकता वह
इतना सारा बोझ।