Pratidin Ek Kavita

चरित्र | तस्लीमा नसरीन 

तुम लड़की हो, 
यह अच्छी तरह याद रखना 
तुम जब घर की चौखट लाँघोगी 
लोग तुम्हें टेढ़ी नज़रों से देखेंगे 
तुम जब गली से होकर चलती रहोगी 
लोग तुम्हारा पीछा करेंगे, सीटी बजाएँगे 
तुम जब गली पार कर मुख्य सड़क पर पहुँचोगी 
लोग तुम्हें बदचलन कहकर गालियाँ देंगे 
तुम हो जाओगी बेमानी 
अगर पीछे लौटोगी 
वरना जैसे जा रही हो 
जाओ। 

What is Pratidin Ek Kavita?

कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।

चरित्र | तस्लीमा नसरीन

तुम लड़की हो,
यह अच्छी तरह याद रखना
तुम जब घर की चौखट लाँघोगी
लोग तुम्हें टेढ़ी नज़रों से देखेंगे
तुम जब गली से होकर चलती रहोगी
लोग तुम्हारा पीछा करेंगे, सीटी बजाएँगे
तुम जब गली पार कर मुख्य सड़क पर पहुँचोगी
लोग तुम्हें बदचलन कहकर गालियाँ देंगे
तुम हो जाओगी बेमानी
अगर पीछे लौटोगी
वरना जैसे जा रही हो
जाओ।