Pratidin Ek Kavita

तलाश में वहाँ | नंदकिशोर आचार्य 

जाते हैं तलाश में
वहाँ
जड़ों की जो अक्सर
खुद जड़ हो जाते हैं
इतिहास मक़बरा है
पूजा जा सकता है जिसको
जिसमें पर जिया नहीं जाता
जीवन इतिहास बनाता हो
-चाहे जितना-
साँसें भविष्य की ही लेता है वह
रचना
भविष्य का ही
इतिहास बनाना है।

What is Pratidin Ek Kavita?

कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।

तलाश में वहाँ | नंदकिशोर आचार्य

जाते हैं तलाश में
वहाँ
जड़ों की जो अक्सर
खुद जड़ हो जाते हैं
इतिहास मक़बरा है
पूजा जा सकता है जिसको
जिसमें पर जिया नहीं जाता
जीवन इतिहास बनाता हो
-चाहे जितना-
साँसें भविष्य की ही लेता है वह
रचना
भविष्य का ही
इतिहास बनाना है।