Pratidin Ek Kavita

Pratidin Ek Kavita Trailer Bonus Episode 619 Season 1

Jo Yuva Tha | Shrikant Verma

Jo Yuva Tha | Shrikant VermaJo Yuva Tha | Shrikant Verma

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जो युवा था | श्रीकांत वर्मा

लौटकर सब आएँगे
सिर्फ़ वह नहीं
जो युवा था—
युवावस्था लौटकर नहीं आती।
अगर आया भी तो
वह नहीं होगा।
पके बाल, झुर्रियाँ,
ज़रा,
थकान
वह बूढ़ा हो चुका होगा।
रास्ते में
आदमी का बूढ़ा हो जाना
स्वाभाविक है—
रास्ता सुगम हो या दुर्गम
कोई क्यों चाहेगा
बूढ़ा कहलाना?
कोई क्यों अपने
पके बाल
गिनेगा?
कोई क्यों
चेहरे की सलें देख
चाहेगा चौंकना?
कोई क्यों चाहेगा
कोई उससे कहे
आदमी कितनी जल्दी बूढ़ा हो जाता है—
तुम्हीं को लो!
कोई क्यों चाहेगा
कि वह
जरा, मरण और थकान की मिसाल बने।
लौटकर सब आएँगे
सिर्फ़ वह नहीं
जो युवा था।

What is Pratidin Ek Kavita?

कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।