Pratidin Ek Kavita

Pratidin Ek Kavita Trailer Bonus Episode 594 Season 1

Pukar | Kedarnath Aggarwal

Pukar | Kedarnath AggarwalPukar | Kedarnath Aggarwal

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पुकार | केदारनाथ अग्रवाल

ऐ इन्सानों!
आँधी के झूले पर झूलो
आग बबूला बन कर फूलो
कुरबानी करने को झूमो
लाल सवेरे का मूँह चूमो
ऐ इन्सानों ओस न चाटो
अपने हाथों पर्वत काटो
पथ की नदियाँ खींच निकालो
जीवन पीकर प्यास बुझालो
रोटी तुमको राम न देगा
वेद तुम्हारा काम न देगा
जो रोटी का युद्ध करेगा
वह रोटी को आप वरेगा!

What is Pratidin Ek Kavita?

कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।