Pratidin Ek Kavita

Pratidin Ek Kavita Trailer Bonus Episode 406 Season 1

Wahan Nahin Milungi Main | Renu Kashyap

Wahan Nahin Milungi Main | Renu KashyapWahan Nahin Milungi Main | Renu Kashyap

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वहाँ नहीं मिलूँगी मैं | रेणु कश्यप

मैंने लिखा एक-एक करके 
हर अहसास को काग़ज़ पर 
और सँभालकर रखा उसे फिर 
दरअस्ल, छुपाकर 
मैंने खटखटाया एक दरवाज़ा 
और भाग गई फिर 
डर जितने डर 
उतने निडर नहीं हम 
छुपते-छुपाते जब आख़िर निकलो जंगल से बाहर 
जंगल रह जाता है साथ ही 
आसमान से झूठ बोलो या सच 
समझ जाना ही है उसे 
कि दोस्त होते ही हैं ऐसे। 
मेरे डरों से पार 
एक दुनिया है 
तुम वहीं ढूँढ़ रहे हो मुझे 
वहाँ नहीं मिलूँगी मैं। 

What is Pratidin Ek Kavita?

कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।