Pratidin Ek Kavita

सपने | शिवम चौबे 

रिक्शे वाले सवारियों के सपने देखते हैं
सवारियाँ गंतव्य के
दुकानदार के सपने में ग्राहक ही आएं ये ज़रूरी नहीं
मॉल भी आ सकते हैं
छोटे व्यापारी पूंजीपतियों के सपने देखते हैं।
पूंजीपति प्रधानमंत्री के सपने देखता है
प्रधानमंत्री के सपने में सम्भव है जनता न आये
आम आदमी अच्छे दिन के स्वप्न देखता है।
पिता देखते हैं अपना घर होने का सपना
माँ के सपने में आती है अच्छी नींद
हर व्यक्ति अपनी जगह से आगे बढ़कर देखता है।
मल्लाह नदियों के सपने देखते हैं।
नदियों के स्वप्न में मछलियां नहीं समुद्र आता है
पौधों के सपने में पेड़
पेड़ों को शायद ही आते हों पलंग और कुर्सी के स्वप्न
कैदी देखते हैं आज़ादी के सपने
चिड़ियों के सपने में होता है आसमान
सपने आने और सपने देखने में फ़र्क होता है
आये हुए सपने डर के सपने होते हैं।
देखे गए सपने सुंदर इच्छाओं के
मैंने देखा था तुम्हारे साथ जीवन का सपना
मेरे सपने में आते हैं तुम्हारे छूटे हुए हाथ 
बच्चों को आते हैं सबसे सुंदर सपने
बूढ़ों के सपनों में घटता है जीवन
क्रांतिकारी देखते हैं संघर्ष और प्रेम के स्वप्न
कवि के सपने में सम्पादक और पुरस्कार ही आएं ऐसा कहाँ लिखा
उनको दुनिया भर के सपने आते होंगे
बीते हुए कल और आने वाले कल के सपने
जैसे नदी की सीमा में पानी होता है
नींद की सीमा में होते हैं सपने
सूख जाती है जिनकी नदी
उनको कहाँ ही आते हैं सपने।

What is Pratidin Ek Kavita?

कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।

सपने | शिवम चौबे

रिक्शे वाले सवारियों के सपने देखते हैं
सवारियाँ गंतव्य के
दुकानदार के सपने में ग्राहक ही आएं ये ज़रूरी नहीं
मॉल भी आ सकते हैं
छोटे व्यापारी पूंजीपतियों के सपने देखते हैं।
पूंजीपति प्रधानमंत्री के सपने देखता है
प्रधानमंत्री के सपने में सम्भव है जनता न आये
आम आदमी अच्छे दिन के स्वप्न देखता है।
पिता देखते हैं अपना घर होने का सपना
माँ के सपने में आती है अच्छी नींद
हर व्यक्ति अपनी जगह से आगे बढ़कर देखता है।
मल्लाह नदियों के सपने देखते हैं।
नदियों के स्वप्न में मछलियां नहीं समुद्र आता है
पौधों के सपने में पेड़
पेड़ों को शायद ही आते हों पलंग और कुर्सी के स्वप्न
कैदी देखते हैं आज़ादी के सपने
चिड़ियों के सपने में होता है आसमान
सपने आने और सपने देखने में फ़र्क होता है
आये हुए सपने डर के सपने होते हैं।
देखे गए सपने सुंदर इच्छाओं के
मैंने देखा था तुम्हारे साथ जीवन का सपना
मेरे सपने में आते हैं तुम्हारे छूटे हुए हाथ
बच्चों को आते हैं सबसे सुंदर सपने
बूढ़ों के सपनों में घटता है जीवन
क्रांतिकारी देखते हैं संघर्ष और प्रेम के स्वप्न
कवि के सपने में सम्पादक और पुरस्कार ही आएं ऐसा कहाँ लिखा
उनको दुनिया भर के सपने आते होंगे
बीते हुए कल और आने वाले कल के सपने
जैसे नदी की सीमा में पानी होता है
नींद की सीमा में होते हैं सपने
सूख जाती है जिनकी नदी
उनको कहाँ ही आते हैं सपने।