Pratidin Ek Kavita

प्रेम में प्रेम की उम्मीद | ममता बारहठ

जीवन से बचाकर 
ले जाऊँगी देखना 
प्रेम के कुछ क़तरे 
मुट्ठियों में भींचकर 
प्रेम की ये कुछ बूँदें 
जो बची रह जाएँगी 
छाया से मृत्यु की 
बनेंगी समंदर और आसमान 
मिट्टी और हवा 
यही बनेंगी पहाड़ और जंगल और स्वप्न नए 
देखना तुम 
यह बचा हुआ प्रेम ही बनेगा 
फिर नया जन्म मेरा! 

What is Pratidin Ek Kavita?

कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।

प्रेम में प्रेम की उम्मीद | ममता बारहठ

जीवन से बचाकर
ले जाऊँगी देखना
प्रेम के कुछ क़तरे
मुट्ठियों में भींचकर
प्रेम की ये कुछ बूँदें
जो बची रह जाएँगी
छाया से मृत्यु की
बनेंगी समंदर और आसमान
मिट्टी और हवा
यही बनेंगी पहाड़ और जंगल और स्वप्न नए
देखना तुम
यह बचा हुआ प्रेम ही बनेगा
फिर नया जन्म मेरा!