Pratidin Ek Kavita

मरने की फ़ुरसत | अनामिका

ईसा मसीह
औरत नहीं थे
वरना मासिक धर्म 
ग्यारह बरस की उमर से 
उनको ठिठकाए ही रखता 
देवालय के बाहर!

बेथलेहम और यरूशलम के बीच 
कठिन सफ़र में उनके 
हो जाते कई तो बलात्कार 
और उनके दुधमुँहे बच्चे 
चालीस दिन और चालीस रातें 
जब काटते सड़क पर, 
भूख से बिलबिलाकर मरते 
एक-एक कर—
ईसा को फ़ुरसत नहीं मिलती 
सूली पर चढ़ जाने की भी!

What is Pratidin Ek Kavita?

कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।

मरने की फ़ुरसत | अनामिका

ईसा मसीह
औरत नहीं थे
वरना मासिक धर्म
ग्यारह बरस की उमर से
उनको ठिठकाए ही रखता
देवालय के बाहर!

बेथलेहम और यरूशलम के बीच
कठिन सफ़र में उनके
हो जाते कई तो बलात्कार
और उनके दुधमुँहे बच्चे
चालीस दिन और चालीस रातें
जब काटते सड़क पर,
भूख से बिलबिलाकर मरते
एक-एक कर—
ईसा को फ़ुरसत नहीं मिलती
सूली पर चढ़ जाने की भी!